गीताश्री का वाणी प्रकाशन ग्रुप के सम्पादकीय विभाग से संवाद
गीताश्रीका वाणी प्रकाशन ग्रुपके सम्पादकीय विभाग से संवादगीताश्री कथाकार एवं पत्रकार हैं। उन्होंने कई चर्चित किताबों का सम्पादन-संयोजन किया है। वर्ष 2008-09 में पत्रकारिता का सर्वोच्च पुरस्कार रामनाथ...
View Articleभूमिका जोशी का वाणी प्रकाशन ग्रुप के सम्पादकीय विभाग से संवाद
भूमिका जोशी का वाणी प्रकाशन ग्रुपके सम्पादकीय विभाग से संवादभूमिका जोशी येल विश्वविद्यालय में ऐन्थ्रॉपॉलोजी की पी.एच.डी शोधकर्ता हैं। उन्होंने इंगलैण्ड और भारत में महिलाओं के अधिकार और सामाजिक...
View Articleअशोक वाजपेयी का वाणी प्रकाशन ग्रुप के सम्पादकीय विभाग से संवाद
अशोक वाजपेयी का वाणी प्रकाशन ग्रुप के सम्पादकीय विभाग से संवादअशोक वाजपेयी हिन्दी कवि आलोचक, अनुवादक, सम्पादक तथा भारत की एक बड़ी संस्कृति उपस्थिति हैं। उन्होंने भारतीय और विदेशी संस्कृतियों के मध्य...
View Articleसविता सिंह का वाणी प्रकाशन ग्रुप के सम्पादकीय विभाग से संवाद
सविता सिंहका वाणी प्रकाशन ग्रुप के सम्पादकीय विभाग से संवादराजनीतिक सिद्धांतकार और प्रख्यात स्त्रीवादी कवयित्री सविता सिंह स्कूल ऑफ जेंडर एंड डेवलपमेंट स्टडीज, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त...
View Articleजयंती रंगनाथन का वाणी प्रकाशन ग्रुप के सम्पादकीय विभाग से संवाद
जयंती रंगनाथनका वाणी प्रकाशन ग्रुपके सम्पादकीय विभाग से संवाद जयंती रंगनाथन जन्म से तमिल, कर्म और शौक से हिन्दी भाषा से सम्बन्ध रखती हैं। वे पत्रकार, लेखक और संपादक हैं। 'धर्मयुग'पत्रिका के सम्पादकीय...
View Articleप्रियदर्शन का वाणी प्रकाशन ग्रुप के सम्पादकीय विभाग से संवाद
प्रियदर्शन का वाणी प्रकाशन ग्रुप के सम्पादकीय विभाग से संवादप्रियदर्शन NDTV इंडिया में कार्यकारी सम्पादक हैं। लेखन, सम्पादन और अनुवाद में वे महत्वपूर्ण कार्य कर चुके हैं। वर्ष 2008 में स्पन्दन सम्मान...
View Articleपुस्तक अंश : अस्मिता का संघर्ष : डॉ. शशि थरूर
The Battle Of Belongingका हिन्दी संस्करणअस्मिता का संघर्ष - डॉ. शशि थरूर “... मैंने एक ऐसे भारत में जन्म लिया था जहाँ लोग कई स्थितियों को एक नैसर्गिक लापरवाही के साथ लेने के आदि रहे हैं : जैसे हमारे...
View Articleनिर्मल वर्मा के जन्मदिवस पर पढ़िए उपन्यास ‘अन्तिम अरण्य’ का अंश
निर्मल वर्मा के जन्मदिवस पर पढ़िए उपन्यास ‘अन्तिम अरण्य’ का अंशकभी-कभी मैं सोचता हूँ कि जिसे हम अपनी ज़िन्दगी, अपना विगत और अपना अतीत कहते हैं, वह चाहे कितना यातनापूर्ण क्यों न रहा हो, उससे हमें शान्ति...
View Articleपुस्तक अंश : स्त्री-अध्ययन: एक परिचय
स्त्री-अध्ययन: एक परिचयमिट्टी, पानी और बयार, ज़िन्दा रहने के आधार(सुन्दरलाल बहुगुणा और गोपा जोशी)22जून 1980को जब मैंने इस आन्दोलन की प्रसिद्ध नेता गौरा देवी से पूछा, कि उनका अनुभव क्या रहा, तो उनके...
View Articleपुस्तक अंश : देह की मुँडेर पर - गगल गिल
देह की मुँडेर पर - गगल गिलकेरल के सैण्ट थॉमस कॉलेज, कोजेनचेरी में 22-25 सितम्बर, 2015 को गगन गिल जी ने “यात्रा-वृत्तान्त व सांस्कृतिक आदान-प्रदान” विषय पर आयोजित अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी में अपना...
View Articleपुस्तक समीक्षा : नींद नहीं जाग नहीं - अनिरुद्ध उमट
नींद और जाग के बीच की पुकार -अजन्ता देव हिन्दी में गद्य की एक लम्बी परम्परा रही है, मगर परम्परा को तोड़ने और नया कुछ खड़ा करने की ज़्यादा कोशिश नहीं दिखती। शानदार गद्य के बीच भी एक ख़ालीपन सर उठाता रहता...
View Articleअंजू रंजन की कविताएँ सदिच्छाओं की सहज अभिव्यक्ति हैं - आलोक धन्वा
अंजू रंजन की कविताएँ सदिच्छाओं की सहज अभिव्यक्ति हैं - आलोक धन्वाअंजू रंजन की कविताएँ सदिच्छाओं की सहज अभिव्यक्ति हैं। इनमें जीवन के श्वेत-श्याम व बाकी तमाम रंग मौसमों की तरह आते जाते हैं। जो...
View Articleपुस्तक अंश : हाथ तो उग ही आते हैं - श्यौराज सिंह बेचैन
हाथ तो उग ही आते हैं - श्यौराज सिंह बेचैन अस्थियों के अक्षर भिखारी ज़िद्दी स्वभाव का था और साथ ही गन्दी गालियाँ देने में नम्बर वन आदमी था। उस जैसी गन्दी ज़ुबान के आदमी मैंने कम ही देखे हैं। पाली में तो...
View Articleपुस्तक अंश : राजनीतिक व वैचारिक लेखों का संकलन 'शेष जी' - शेष नारायण सिंह
राजनीतिक व वैचारिक लेखों का संकलन शेष जीशेष नारायण सिंह दिल्ली में मेरे शुरुआती दिनचालीस साल किसी शहर की ज़िन्दगी में कुछ नहीं होते लेकिन इन्सान की ज़िन्दगी में चालीस साल में बहुत कुछ हो जाता है। 20...
View Articleपुस्तक अंश : स्त्री-अध्ययन: एक परिचय
स्त्री-अध्ययन: एक परिचयस्त्री-अध्ययन क्यों? कुछ नारीवादी परिप्रेक्ष्यमैत्रेयी कृष्णराजअनुवाद: अपर्णा दीक्षितज्ञान के अन्य अनुशासनों की तरह स्त्री अध्ययन को भी उसकी ज़रूरत ने वजूद में लाया। इसकी शुरुआत...
View Articleपुस्तक अंश : नामवर की दृष्टि में मुक्तिबोध - नामवर सिंह, संकलन - सम्पादन :...
नामवर की दृष्टि में मुक्तिबोध नामवर सिंहसंकलन - सम्पादन : विजय प्रकाश सिंह, ए.अरविंदाक्षन आत्म-संघर्ष के कवि: गजानन माधव मुक्तिबोधजो अपने आपको पूरे परिवेश के सन्दर्भ में जानने-समझने-खोजने और पाने की...
View Articleपुस्तक अंश : अपनी बात - भीष्म साहनी
अपनी बात –भीष्म साहनीसाहित्य मनुष्य को मनुष्य से जोड़ता हैमैं कहानी लिखता हूँ तो किसी हिन्दू पाठक के लिए नहीं लिखता। मुझे ऐसा भी नहीं लगता कि कोई मुसलमान लेखक मुसलमान पाठकों के लिए लिखता है। यह महज़...
View Articleपुस्तक अंश : भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन और राष्ट्रवाद – इरफ़ान हबीब
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन और राष्ट्रवाद – इरफ़ान हबीबसम्पादन व अनुवाद : रमेश रावतराष्ट्रीयताओं का उद्भवराष्ट्र को आधुनिक विश्व की एक केन्द्रीय राजनीतिक अस्मिता के रूप में स्वीकार किया गया है। जैसा कि...
View Articleपुस्तक अंश : एक क़स्बाई लड़की की डायरी – अनामिका
एक क़स्बाई लड़की की डायरी – अनामिका स्त्री-कविता का ठिकानाज्ञान की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए आप जिस संज्ञान तक पहुँचते हैं; शब्दों की सीढ़ियाँ चढ़ते जिस गहन मौन तक, मेरा अकेलापन आपके अकेलेपन से जहाँ रू-ब-रू...
View Articleपुस्तक अंश : हजारीप्रसाद द्विवेदी संचयिता - सम्पादक : राधावल्लभ त्रिपाठी
हजारीप्रसाद द्विवेदी संचयितासम्पादक : राधावल्लभ त्रिपाठीएक : यदि मैं लिखतायदि मैं पं. रामचंद्र शुक्ल का इतिहास लिखता तो क्या करता? यह एक विचित्र-सा प्रश्न है। पं रामचंद्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य का जो...
View Articleपुस्तक अंश : कारे जहाँ दराज़ है (4 खण्डों में) - क़ुर्रतुलऐन हैदर
कारे जहाँ दराज़ है (4 खण्डों में) - क़ुर्रतुलऐन हैदरअनुवाद : इरफ़ान अहमदबाग़ी सिपाहीएक आदमी अज्ञात, दुबला-पतला लम्बा क़द, गोरा रंग, काली दाढ़ी, सूरत से ख़ुशमिज़ाजी और सज्जनता दिखाई देती है। भाग्य अच्छा हो...
View Articleपुस्तक अंश : इस्मत चुग़ताई के दो नॉवेल : सौदाई – दिल की दुनिया
इस्मत चुग़ताईकी कृतियों में मानवीय करुणा और सक्रिय प्रतिरोध का दुर्लभ सामंजस्य है जिसकी बिना पर उनकी सर्जनात्मक प्रतिभा की एक विशिष्ट पहचान बनती है। अलीगढ़ में अपने चंगेज़ी ख़ानदान के जिस वातावरण में वे...
View Articleपुस्तक अंश : अपनी अपनी बीमारी - हरिशंकर परसाई
1982 में साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी के मूर्धन्य आधुनिक व्यंग्यकार श्री हरिशंकर परसाई सागर विश्वविद्यालय में मुक्तिबोध पीठ के निदेशक भी रहे।हास्य और व्यंग्य की परिभाषा करना कठिन है। यह...
View Articleपुस्तक अंश : हिंदू-एकता बनाम ज्ञान की राजनीति - अभय कुमार दुबे
अभय कुमार दुबे विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) में प्रोफ़ेसर, भारतीय भाषा कार्यक्रम के निदेशक और प्रतिमानसमय समाज संस्कृति के प्रधान संपादक हैं।भारत दोहरी राजनीति प्रणाली का अनुसरण करता है, यानी...
View Articleपुस्तक अंश : कुलभूषण का नाम दर्ज कीजिए – अलका सरावगी
अलका सरावगीआधुनिक युग की एक सजग कथाकार रहीं हैं और इस कारण उन्होंने अपने समय के यथार्थ के उपर्युक्त पहलू को अपनी कथा साहित्य में प्रस्तुत किया है। वे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं।...
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