हिन्दी महोत्सव'2016 | मीडिया कवरेज
'हिन्दी महोत्सव'2016 | मीडिया कवरेज | दैनिक हिंदुस्तान/Dainik Hindustan (7 मार्च 2016,पृष्ठ संख्या-7)***नवोदय टाइम्स/Navodaya Times(7 मार्च 2016,पृष्ठ संख्या-6)***दैनिक जागरण/Danik Jagran(7 मार्च...
View Articleबच्चों की प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए - मैनेजर पाण्डेय
बच्चों की प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए(मैनेजर पाण्डेय से प्रमोद तिवारी की बातचीत)प्रमोद तिवारी: हिन्दी में पत्रिकाएँ पर्याप्त संख्या में निकल रही हैं और कविता, कहानी, प्रेम आदि के उनके...
View Articleसत्याग्रह की उत्पति - महात्मा गाँधी
सत्याग्रह की उत्पतियों एक प्रकार की जो आत्मशुद्धि मैंने की वह मानो सत्याग्रह के लिए ही हुई हो, ऐसी एक घटना जोहानिस्बर्ग में मेरे लिए तैयार हो रही थी। आज मैं देख रहा हूँ कि ब्रह्मचर्य का व्रत लेने तक...
View Articleगाँधी और रवीन्द्रनाथ: राष्ट्रवाद बनाम देशभक्ति
गाँधी और रवीन्द्रनाथ: राष्ट्रवाद बनाम देशभक्ति मौजूदा भारतीय राजनीति के नये अध्यायों में एक प्रमुख अध्याय राष्ट्रवाद का भी है। हालाँकि यह उतना नया नहीं है, जितना कि गये चार-पाँच सालों में समकालीन...
View Article'सृजन में सोच की प्रक्रिया' | निर्मल वर्मा
'सृजन में सोच की प्रक्रिया' (भोपाल में दिया गया व्याख्यान)निर्मल वर्मामैंकई दिनों से इसके बारे में सोचता रहा हूँ कि हम ये जो विभाजन करते हैं कि कविता अनुभूति की चीज़ है और चिन्तन फ़िलॉसॅफ़ी की चीज़ है, ये...
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|| सादर आमंत्रण || लोकार्पण व परिचर्चा लेखकशशि थरूरप्रतिभागीदेवी प्रसाद त्रिपाठीपूर्व सांसद, राज्यसभा महासचिव-एन.सी.पी.*तसलीमा नसरीनस्त्रीवादी लेखिका* राहुल देववरिष्ठ पत्रकार, भाषाविद्* लीलाधर...
View Articleघाचर-घोचर | विवेक शानभाग
मूल कन्नड़ में प्रकाशित आधुनिक कालजयी उपन्यासका हिन्दी अनुवादविवेक शानभाग अनुवाद : अजय कुमार सिंह ***‘नैतिक पतन की भयावह कहानी का प्लॉट लिए हुए ‘घाचर-घोचर’ इस दशक के बेहतरीन भारतीय उपन्यास के रूप में...
View Articleप्रख्यात लेखक संजीव का अविस्मरणीय उपन्यास 'प्रत्यंचा : छत्रपति शाहूजी महाराज...
प्रख्यात लेखक संजीव का अविस्मरणीय उपन्यासलेखक का कथन मातृ ऋण, पितृ ऋण, गुरु ऋण, सन्तान ऋण और मित्र ऋण की तरह ही एक ऋण और होता है-समाज का ऋण। इस दुनिया और इस समाज की बेहतरी के लिए जिन्होंने जीवन समर्पित...
View Articleमैं हिन्दू क्यों हूँ | डॉ. शशि थरूर
हिन्दूवाद: आरम्भिक कालऐसा कहा जाता है कि हिन्दूवाद की जड़ें 3300से 1700ईसा पूर्व में पनपी सिन्धु घाटी सभ्यता में पायी जा सकती हैं (हालाँकि कुछ स्त्रोत इसे उससे भी पुराना मानते हैं)। क्योंकि उस सभ्यता की...
View Articleबीच बहस में सेकुलरवाद | सम्पादक : अभय कुमार दुबे
भारतीय राजनीति के सन्दर्भ में सेकुलरवादी बहसें बहुत पुरानी होने के बावजूद कभी पुरानी न पड़ने वाली नज़र आती हैं। वे हमेशा बीच बहस में बनी रहती हैं। समकालीन शासन-तन्त्र में भारतीय अल्पसंख्यकों का भय और...
View Articleशकुन्तला के संघर्ष की गाथा ‘कण्व की बेटी’
शकुन्तला के संघर्ष की गाथा‘कण्व की बेटी’शैलेन्द्र कुमार मिश्र ‘कण्व की बेटी’का उपन्यासकार अपनी कहानी में दुष्यन्त के अहंवादी और प्रमादी पौरुष पर पूरी ताकत से चोट करता है और असहाय शकुन्तला के बरअक्स एक...
View Article'खिड़कियाँ' | दामोदर खड़से
“दामोदर खड़सेका उपन्यास ‘खिड़कियाँ' पढ़ते समय ऐसा लगता है कि पाठक स्वयं अपने सामने खड़े हैं। दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जो अकेले हैं और अपने-आप से लड़ रहे हैं। यह उपन्यास पढ़ने पर पाठक अपने-आपको अकेला महसूस...
View Articleसादर आमन्त्रण | दक्षिण भारत में वाणी प्रकाशन
|| सादर आमन्त्रण ||दक्षिण भारत में वाणी प्रकाशनवाणी प्रकाशन से प्रकाशित दक्षिण भारतीय विद्वानलेखकों व सम्पादकों द्वारा लिखित व सम्पादित पुस्तकों का लोकार्पण कल होने जा रहा...
View Articleकिताबों की दुनिया में, वाणी प्रकाशन के साथ विश्व पुस्तक मेले में स्वागत है।
📚📚किताबों की दुनिया में, वाणी प्रकाशनके साथ विश्व पुस्तक मेले में स्वागत है।5 जनवरी से 13 जनवरी 2019 हॉल नं. : 12 - A स्टॉल नं. : 254-269 प्रगति मैदान, नयी दिल्ली आइयेगा ज़रूर!#Vani55...
View ArticleVani Book Company presents ‘Katihar to Kennedy: The Road Less Travelled’ by...
We are delighted to announce the forthcoming publication of Dr Sanjay Kumar’s autobiographical tale of impossible odds, surmounted through sheer grit, a passion for education and opportunity for all,...
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विश्व पुस्तक मेला 2019ताकि शब्द गवाही देते रहे...पाठक, लेखक और प्रकाशक की आत्मीय जुगलबंदी की नज़र से वाणी प्रकाशन की किताबों ने मीडिया का सार्वाधिक ध्यान आकृष्ट किया।हमारे स्तरीय प्रकाशनों के बारे में...
View Article43वाँ अन्तरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में ‘हिंदी साहित्य ज्ञानकोश’ के लिए...
43वाँ अन्तरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में ‘हिंदी साहित्य ज्ञानकोश’ के लिए पाठकों में दिखी उत्सुकता।कोलकाता पुस्तक मेला में वाणी प्रकाशनके स्टॉल पर ‘हिंदी साहित्य ज्ञानकोश’के लिए बहुत उत्सुकता देखी...
View Articleरचनाकार फणीश्वरनाथ रेणु | जन्मोत्सव
"चिठिया हो तो हर कोई बाँचे,भाग न बाँचे कोई, सजनवा बैरी हो गये हमार..."'तीसरी कसम' के प्रोड्यूसर शैलेन्द्र को याद करते हुए कथाकार रेणु का एक मार्मिक संस्मरण जिसे आपने पहले नहीं पढ़ा होगा। लोक रचनाकार...
View Articleस्त्री-विमर्शकार एवं सुपरिचित रचनाकर अनामिका जी की कलम से...
स्त्री-विमर्शकार एवं सुपरिचित रचनाकर अनामिका जी की कलम से...क्या आपके भीतर भी एक तालिबान है?जो जहाँ है, ज़रा ठहरे! और आँखें झुका ले! यदि उसके सीने में एक समुन्दर है तो गौर से देखे-भीतर कहीं किसी...
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