दिवंगत सांत्वना निगम के संस्मरणों की किताब ‘घेरे से बाहर’ का एक अंश
दिवंगत सांत्वना निगम के संस्मरणों की किताब‘घेरे से बाहर’का एक अंश, वाणी ब्लॉग पर : देस बिराना है"किताबों के पन्नों से मिलाकर ज़िन्दगी जीना बहुत मुश्किल है"त्विषाम पतिः”-'ताम्रपत्र' नाटक का...
View Articleअख़्तरीनामा - यतीन्द्र मिश्र
कवि, गद्यकार और संगीत अध्येतायतीन्द्र मिश्र के जन्मदिवस पर विशेष : 'अख़्तरी'से एक अंश अख़्तरीनामाज़िन्दगी और संगीत सफ़र के अँधेरे उजाले- यतीन्द्र मिश्रबेगम अख़्तर का ज़िन्दगीनामा कुछ इस कदर स्याह और...
View Article5 सवाल - युवा लेखक प्रवीण कुमार झा से
______________________________________________प्री-बुकिंग के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...
View Articleईश्वर अगर फूल और वृक्ष है...निर्मल वर्मा की डायरी से
निर्मल वर्माकी डायरी ‘धुन्ध से उठती धुन’ यूँ तो अलग-अलग स्थानों पर हुए उनके प्रवास के अनुभवों को समेटे हुए है पर यह महज़ एक यात्रा वृतान्त नहीं बल्कि एक लेखक, एक व्यक्ति के अन्तर्मन की यात्रा है. यहाँ...
View Article5 सवाल - युवा लेखिका अंकिता जैन से
5 सवाल - युवा रचनाकार अंकिता जैन सेबस इतना उद्देश्य है कि इस किताब को पढ़कर अगर कोई एक व्यक्ति भी ऐसा क़दम उठाने के लिए प्रेरित हो पाये जो इस प्रकृति, भविष्य की पीढ़ियों तथा किसानों के लिए लाभकारी होगा तो...
View Articleएक यायावर साहित्यकार का यात्रा -वृतान्त : महापण्डित राहुल सांकृत्यायन के...
(9 अप्रैल 1893 - 14 अप्रैल 1963)महापण्डितराहुलसांकृत्यायनकीअनन्तइच्छा-शक्तिऔरअथकपरिश्रमकाएकऔरअद्वितीयप्रतिफलहैदोखण्डोंमेंप्रकाशितउनका यात्रा-वृत्तान्त‘हिमाचल'। साहित्य-प्रेमीपाठकोंकेलिए इस...
View Articleबा के जन्मदिन पर विशेष : बापू के पत्र बा के नाम
बा के जन्मदिन पर विशेष : बापू के पत्र बा के नाम दुनिया के सारे घर औरतों की सहनशीलता के कंधे पर बसे हैं। जिस दिन औरत कंधे झटक देगी वह घर भरभराकर गिर पड़ेंगे। यही कहानी है बालिका कस्तूरी की। पोरबन्दर के...
View Articleइस चुनावी माहौल में पढ़िये प्रतिष्ठा सिंह की 'वोटर माता की जय!'पुस्तक से एक...
इस चुनावी माहौल में पढ़िये प्रतिष्ठा सिंह की 'वोटर माता की जय!'पुस्तक से एक अंश : राजनीति में दिलचस्पीसितम्बर के दिन ख़त्म होने को आये हैं और पटना शहर में पहली बार इतने दिन रही हूँ। चुनाव सर पर है और...
View Articleजिस साँड़ के बारे में आप पढ़ रहे हैं या सुन रहे हैं, जान लीजिए, वह आपका समकालीन...
जिस साँड़ के बारे में आप पढ़ रहे हैं या सुन रहे हैं, जान लीजिए, वह आपका समकालीन है।व्यक्ति का 'जिया हुआ जीवन' बड़ा होता है, कवि का 'किया गया काम' बड़ा होता है।5 सवाल में युवा रचनाकार वीरू सोनकर समकालीन...
View Articleप्रश्न यह है कि प्रश्न किया जाये या प्रश्न न किया जाये : रोमिला थापर की...
भारत में पब्लिक इन्टलैक्चुअल-रोमिला थापरप्रश्न यह है कि प्रश्न किया जाये या प्रश्न न किया जायेउदारवाद के विस्तार में कमी अनेक लोग इस बात को इंगित करते हैं कि पिछले कुछ दशकों में उदारवाद (और सहिष्णुता)...
View Articleएक सम्पूर्ण नेता : भगवा का राजनीतिक पक्ष : वाजपेयी से मोदी तक - सबा नक़वी
“देश की वर्तमान राजनीतिक पृष्ठभूमि में आज भाजपा की एक सुदृढ़ पहचान है। गठबन्धन की राजनीति से लेकर एक सशक्त इकाई के रूप में, उसने एक लम्बी यात्रा तय की है एवं 1998 में सत्तासीन होने से वर्तमान तक के सफ़र...
View Article5 सवाल - युवा रचनाकार अणुशक्ति सिंह से
5 सवाल - युवा रचनाकार अणुशक्ति सिंह सेमैंने अपने मन की स्त्री का मेल असुर सम्राट वृषपर्वा की पुत्री शर्मिष्ठा के तेवर से करवाया तो हमारी नायिका का जन्म हुआ- अणुशक्ति सिंह स्त्री पात्र मिथकीय हों या...
View Article'फ़ासीवाद का डर' : मार्क्सवाद का अर्धसत्य - अनंत विजय
फ़ासीवाद का डरनरेन्द्र मोदीके सत्ता में आते ही देश में फ़ासीवाद आ जायेगा। नरेन्द्र मोदी हिटलर की तरह हैं। नरेन्द्र मोदी के आने से देश में साम्प्रदायिक ताक़तें मज़बूत होंगी। नरेन्द्र मोदी उस विचारधारा के...
View Articleगो-माता से आगे - हिन्दू संस्कृति और इतिहास के उपयोग और दुरुपयोग : डॉ. शशि...
“इक्कीसवीं सदी में, हिन्दूवाद में एक सार्वभौमिक धर्म के बहुत-से गुण दिखाई देते हैं। एक ऐसा धर्म, जो एक निजी और व्यक्तिवादी धर्म है; जो व्यक्ति को समूह से ऊपर रखता है, उसे समूह के अंग के रूप में नहीं...
View Articleअन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर विशेष | लुई फिशर की कृति 'लेनिन और गाँधी'से एक...
लुई फिशर की कृति 'लेनिन और गाँधी'से एक अंशhttp://www.vaniprakashan.in/details.php?prod_id=320&title=LENIN%20AUR%20GANDHIसन 1898 में समारा में भयंकर दुर्भिक्ष पड़ा था। इस दुर्भिक्ष में पीड़ितों की...
View Articleस्त्री देह से मसालों की गन्ध आनी चाहिए, विचारों की गन्ध कैसे सहन हो-...
5 सवाल - सुपरिचित रचनाकार गीताश्री सेसुपरिचित रचनाकार गीताश्री हिन्दी साहित्य एवं पत्रकारिता की एक मज़बूत हस्ताक्षर हैं तथा स्त्री मुद्दों पर भी अपनी सशक्त राय रखतीं हैं। 'हसीनाबाद' के बाद अब वह...
View Articleख़बरें बर्फ़ की विशाल चट्टानें हैं जिनसे एक पत्रकार रोज़ ही टकराकर लहूलुहान होता...
5 सवाल - वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी प्रसाद पंत सेवरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी प्रसाद पंत की आने वाली पुस्तक ‘न्यूज़ मैन @ वर्क’ न्यूज़ रूम की सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं जहाँ न्यूज़ रूम के दिल दहला देने वाले क़िस्से...
View Articleमशहूर शायर कैफ़ी आज़मी के जन्मदिवस पर विशेष...
मशहूरशायर कैफ़ी आज़मी के जन्मदिवस पर विशेष...“उस ज़माने का ज़ियादः कलाम नष्ट हो गया लेकिन वह पहली ग़ज़ल इसलिए ज़िन्दा रह गयी कि न जाने कहाँ से वह बेग़म अख़्तर तक पहुँच गयी उसमें उन्होंने अपनी आवाज़ के पंख...
View Articleलानत हो सआदत हसन मंटो पर, कमबख़्त को गाली भी सलीक़े से नहीं दी जाती।
कालजयी रचनाकार सआदत हसन मंटो के जन्मदिवस पर विशेष...“ज़माने के जिस दौर से हम इस वक़्त गुज़र रहे हैं, अगर आप उससे नावाक़िफ़ हैं तो मेरे अफ़साने पढ़िए! अगर आप उन अफ़सानों को बर्दाश्त नहीं कर सकते तो इसका...
View Articleवही कहानी, वही स्वर, वही आकाश, वही धरती, वही संध्या, वही जगत्, पर बापू कहाँ...
30 जनवरी 1948 का वह काला दिन : विष्णु प्रभाकर की क़लम से...वह और दिनों की भाँति एक साधारण दिन था। सदा की तरह शिशिर की संध्या धीरे-धीरे काँपती, सिहरती विश्व की लीलाभूमि में प्रवेश कर रही थी और मैं लिखने...
View Article